फोड़े-फुंसी के लिए Hepar Sulphur 30 है असरदार : Hepar Sulphur 30 Uses in Hindi

Hepar Sulphur 30 : फोड़े-फुंसी, त्वचा रोग और गले की समस्याओं के लिए असरदार होम्योपैथिक दवा
Hepar Sulphur 30 एक शक्तिशाली होम्योपैथिक मेडिसिन है, जो विशेष रूप से त्वचा के पुराने रोगों, फोड़े-फुंसी, सूजन, पस से भरे घाव और गले की खराश के उपचार में कारगर होती है। यदि छूने से असहनीय दर्द हो, हल्की ठंडी हवा भी बर्दाश्त न हो, गले में खराश के साथ खांसी बनी रहे और रोगी को रात में अधिक तकलीफ हो, तो यह दवा बेहद प्रभावी मानी जाती है।
इसका उपयोग त्वचा रोगों के बाद होने वाली जटिलताओं, फोड़े-फुंसी से जुड़ी समस्याओं, जरा-सा छूने पर तेज दर्द, पस भरने वाले घाव, गले की गंभीर सूजन, बैठा हुआ गला, और कफ जमने जैसी स्थितियों में किया जाता है। यदि ठंडी हवा या ठंडे पेय पदार्थों से समस्या बढ़ती है, तो Hepar Sulphur 30 से राहत मिल सकती है।
👉 जानें Hepar Sulphur 30 के बेहतरीन फायदे, सही उपयोग और किन रोगों में यह सबसे ज्यादा असरदार है!
Hepar Sulphur 30 के लिए ठण्डी हवा से सम्बन्धित लक्षण –
यदि रोगी बुखार, खांसी या किसी फोड़े के रोग से पीड़ित है तथा उसमें इस प्रकार के लक्षण हों जैसे- ठण्डी हवा बर्दाश्त नहीं हो रही हो, फोड़ा, सूजन तथा शरीर के अन्य रोग ग्रस्त भाग को सावधानी के साथ ढककर रखना, दरवाजें, खिड़की बन्द रखता हो, खिड़की या दरवाजा जरा सा भी खुला रहने से रोगी को यह ख्याल होता है कि उस स्थान से हवा आकर मेरे शरीर में लगती है और इससे मेरी बीमारी और बढ़ जायेगी। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए Hepar Sulphur 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का उपयोग करना चाहिए।
Hepar Sulphur 30 के लिए मानसिक लक्षण से सम्बन्धित लक्षण –
बात-बात पर क्रोध आना, उत्तेजित होना तथा इस लक्षण के साथ ही रोगी के शरीर पर फोड़े या फुंसियां हो, बुखार हो गया हो या खांसी हो गई हो या अन्य कोई बीमारी हो तो ऐसे रोगी के रोग को ठीक करने के लिए इस औषधि का उपयोग करना फायदेमन्द होता है।
Hepar Sulphur 30 के लिए फोड़े से सम्बन्धित लक्षण –
फोड़ों में किसी भी प्रकार की सूजन में मवाद बनने से पहले इस औषधि की उच्च शक्ति की एक खुराक लेने से लाभ मिलता है।
Homeopathic Medicine Hepar Sulphur 30 : होम्योपैथिक मेडिसिन हिपर सल्फर 30 के उपयोग –
Hepar Sulphur 30 के लिए आंख से सम्बन्धित लक्षण –
आंख आने पर आंख के दोनों पलकों में सूजन होने तथा आंखों में बिलनी के पक जाने पर हिपर औषधि का प्रयोग लाभकारी होता है। पारा के उपयोग करने से आंखों में विभिन्न प्रकार के विकार जैसे आंखों की पुतली में सूजन, आंख से मवाद का आना, आंखों के अन्य भागों में सूजन होना, आंखों में दर्द होना तथा आंखों को छूने मात्र से ही दर्द होना तथा आंखों के किसी भी रोग से सम्बंधित लक्षणों में Hepar Sulphur 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का उपयोग विशेष रूप से लाभकारी होता है।
Hepar Sulphur 30 मूत्राशय से सम्बन्धित लक्षण –
मूत्राशय में कमजोरी, पेशाब का बूंद-बूंद करके आना, पेशाब करने के बाद पुन: पेशाब करने की इच्छा होना तथा पेशाब का काफी समय तक बूंद-बूंद करके आना आदि लक्षणों के होने पर Hepar Sulphur 30 होम्योपैथिक मेडिसिन लाभकारी होता है।
Hepar Sulphur 30 के लिए पुरुष जननेन्द्रिय से सम्बन्धित लक्षण –
पुरुषों के जननेन्द्रिय के अगले भाग की त्वचा पर सूजाक के समान घाव होना, लिंग, अण्डकोषों और जांघ की त्वचा में खराश होने के साथ चिपचिपा पानी निकलने पर Hepar Sulphur 30 होम्योपैथिक मेडिसिन दी जाती है।
Hepar Sulphur 30 स्त्री जननेन्द्रिय से सम्बन्धित लक्षण –
जरायु (गर्भाशय की ऊपरी झिल्ली) और स्तन में घाव होना जिसमें से बड़ा ही बदबूदार पीब निकलता है, जिसकी गंध पुराने सडे़ हुए पनीर के समान होती है। प्रदर रोग (लिकोरिया) में से ही ऐसी ही दुर्गंध आती है जिसके कारण योनि को बार-बार नये और साफ कपडे़ से धोना पड़ता है। ऐसे लक्षणों में Hepar Sulphur 30 होम्योपैथिक मेडिसिन लाभकारी होता है।
Homeopathic Medicine Hepar Sulphur 30 : होम्योपैथिक मेडिसिन हिपर सल्फर 30 के उपयोग –
Hepar Sulphur 30 त्वचा के रोग से सम्बन्धित लक्षण –
यह बात ध्यान रखने वाली है हिपर औषधि के रोगी की त्वचा की थोड़ी सी ही मात्रा में कट जाने से वह पक जाती है जिसके कारण उसमें मवाद आने लगता है। एक्जिमा के कारण हुए घाव में स्पर्श मात्र से ही खून का निकलना, छोटी-छोटी फुंसियों का निकलना, इन छोटी-छोटी फुंसियों में मवाद पड़ जाता है तथा इनसे पनीर की तरह बदबू आती है। इस प्रकार के लक्षणों में से कोई भी लक्षण यदि रोगी को हो गया हो तो उसके रोग को ठीक करने के लिए हिपर सल्फ्यूरिस 30 का उपयोग करना चाहिए।
Hepar Sulphur 30 शरीर के बाहरी अंग से सम्बन्धित लक्षण –
रोगी के शरीर के कई अंगों में सूजन आ जाती है तथा इसके साथ ही रोग के स्थान पर डंक लगने जैसा दर्द होता है और ऐसा महसूस होता है कि उस भाग में मोच आ गई हो और शरीर में ऐंठन सी होने लगती है। इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए Hepar Sulphur 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का प्रयोग करना लाभदायक होता है।
Hepar Sulphur 30 हाथ तथा पैर से सम्बन्धित लक्षण –
रोगी के हाथ तथा पैरों में चुभन होती है तथा ऐसा लगता है कि हाथ तथा पैरों में डंक लग गया हो। ऐसे लक्षणों में Hepar Sulphur 30 होम्योपैथिक मेडिसिन उपयोग करे।
Hepar Sulphur 30 के लिए फेफड़ों में जलन से सम्बन्धित लक्षण –
फेफड़ों में जलन रोग से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए सल्फ्यूरिस कल्केरियम औषधि का उपयोग करना चाहिए लेकिन इस औषधि का उपयोग करने से पहले रोगी में यह देख लेना चाहिए कि रोगी को इसके साथ और भी कई लक्षण होना चाहिए जो इस प्रकार हैं- सबसे पहले रोगी के फेफड़े में फोड़ा हो जाता है तथा इसमें मवाद भर जाता है, ठीक इसी प्रकार यदि सांस लेने वाली नलिकाओं में भी जलन तथा छाती में जलन और दर्द हो रहा हो।
Homeopathic Medicine Hepar Sulph 30 : होम्योपैथिक मेडिसिन हिपर सल्फ 30 के उपयोग –
Hepar Sulphur 30 के लिए सिर से सम्बन्धित लक्षण –
रोगी के सिर में झटके लगते हैं या सवारी करने से चक्कर आने लगते हैं तथा इसके साथ ही सिर में दर्द होता रहता है, सुबह के समय में कनपटी वा नाक की जड़ में बरमें द्वारा छेद करने जैसा दर्द महसूस होता है, सिर के ऊपरी भाग में जलन और खुजली होने लगती है तथा शरीर से ठण्डा पसीना भी आता है। इस प्रकार के लक्षणों में से कोई भी लक्षण यदि रोगी को हो गया हो तो उसके रोग को ठीक करने के लिए Hepar Sulph 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का उपयोग करना चाहिए।
Hepar Sulphur 30 के लिए आंखों से सम्बन्धित लक्षण –
रोगी की आंखें लाल हो जाती हैं तथा उसमें जलन होने लगती है, आंखों में हवा के प्रति अधिक संवेदशील उत्पन्न हो जाता है तथा इसके साथ ही सिर में दर्द होता है और ऐसा महसूस होता है कि जैसे सिर के अन्दर की ओर खिंचाव उत्पन्न हो रहा हो, आंखों की कोटरों की ऊपर वाली हडि्डयों में बरमें से छेद किये जाने जैसा दर्द होता है, नेत्रगोलक को छूने से दर्द महसूस होता है, जो चीजें लाल तथा बड़ी दिखाई देती है, पढ़ने से दृष्टि धुंधला हो जाती है, देखने की शक्ति कम हो जाती है, आंखों के आंगे काले घेरे बन जाते हैं। इस प्रकार के लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण किसी व्यक्ति को हो गया है तो उसके रोग को ठीक करने के लिए Hepar Sulph 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का प्रयोग करना चाहिए।
Hepar Sulphur 30 के लिए चेहरे से सम्बंधित लक्षण –
रोगी का चेहरा पीला हो जाता है तथा निचला होंठ बीच में से फट जाता है, चेहरे के रोग ग्रस्त भागों में सूजन आ जाती है, चेहरे के दायीं भाग के नाड़ियों में दर्द होता है और दर्द का असर कनपटी, कान, नथुनों और होंठ तक फैल जाता है, चेहरों की हडि्डयों में दर्द होता है तथा उन्हें छूने से दर्द होता है, मुंह के कोनों में घाव हो जाता है तथा जब रोगी अपने मुंह को खोलता है तो जबड़ों में दर्द होता है। इस प्रकार के लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण किसी व्यक्ति को हो गया है तो उसके रोग को ठीक करने के लिए Hepar Sulph 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का प्रयोग करना लाभदायक होता है।
Hepar Sulphur 30 के लिए मुंह से सम्बन्धित लक्षण –
रोगी के मुंह से लार टपकता रहता है, मसूढ़ों और मुंह को छूने से दर्द महसूस होने लगता है तथा उनमें से खून भी बहने लगता है ऐसे रोगी के रोग को ठीक करने के लिए Hepar Sulph 30 होम्योपैथिक मेडिसिन उपयोग करना उचित होता है।
Hepar Sulphur 30 के लिए आमाशय से सम्बन्धित लक्षण –
रोगी को खट्टी चीजें, शराब एवं चटपटी चीजें खाने की इच्छा होती है, वसा पदार्थो का खाने का मन नहीं करता है, बार-बार डकारें आती हैं लेकिन न उनका कोई स्वाद होता है न गंध (खूश्बू)। आमाशय का भाग अधिक फूल जाता है जिसके कारण रोगी को अपने कपड़े ढीले करने पड़ जाते हैं, आमाशय में जलन होती है, हल्का सा भोजन करने के बाद भी आमाशय के अन्दर भारीपन तथा दबाव महसूस होता है। इस प्रकार के लक्षणों में से कोई भी लक्षण यदि रोगी को हो गया हो तो उसके रोग को ठीक करने के लिए Hepar Sulph 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का उपयोग करना चाहिए।
Hepar Sulphur 30 के लिए पेट से सम्बन्धित लक्षण –
रोगी को चलते समय, खांसते समय, सांस लेते समय या फिर पेट को छूने से जिगर (यकृत) में सुई जैसा दर्द होता है, यकृत में सूजन आ जाती है, पेट फूला हुआ लगता है तथा तना हुआ हो जाता है तथा पेट के पुराने रोग को ठीक करने के लिए Hepar Sulphur 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का उपयोग करना उचित होता है।
Hepar Sulphur 30 Medicine : हिपर सल्फर 30 मेडिसिन के उपयोग –
Hepar Sulphur 30 के लिए मल से सम्बन्धित लक्षण –
रोगी जब मलत्याग करता है तो उसका मल मिट्टी की तरह तथा नरम होता है, मल से खट्टी बदबू आती है तथा मल सफेद रंग का होता है, मल में अन्दर अनपचा पदार्थ होता है, रोगी को मल त्याग करने में जोर लगाना पड़ता है। ऐसे लक्षणों वाले रोगी को ठीक करने के लिए Hepar Sulphur 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का उपयोग करना फायदेमन्द होता है।
Hepar Sulphur 30 के लिए यकृत से सम्बन्धित लक्षण –
यदि किसी रोगी के यकृत में जलन हो रही हो या जिगर से सम्बन्धित कोई रोग तथा इसके साथ इन रोगों में रोग ग्रस्त स्थान पर मवाद भी पड़ जाता है और मवाद बहने के रास्ता बन्द हो जाता है। तो ऐसे रोगी के रोग को ठीक करने के लिए Hepar Sulphur 30 होम्योपैथिक मेडिसिन उपयोग लाभदायक है।
Hepar Sulphur 30 के लिए गलाशुण्डिका से सम्बन्धित लक्षण –
गले के नसों की बढ़ी हुई अवस्था में और इस रोग के साथ ही यदि रोग को ऊंचा सुनाई पड़ता है तो उसके रोग को ठीक करने के लिए Hepar Sulphur 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का उपयोग करना चाहिए।
Hepar Sulphur 30 के लिए मूत्र से सम्बन्धित लक्षण –
रोगी को मूत्रत्याग करने में परेशानी होने लगती है, रुक-रुक कर पेशाब आता रहता है, मूत्र त्याग करने में रोगी को जोर लगाना पड़ता है, पेशाब बूंद-बूंद करके टपकता रहता है, रोगी को पेशाब करने के लिए देर तक बैठना पड़ता है तथा इसके साथ ही मूत्राशय में कमजोरी होने लगती है और रोगी पेशाब करने में असमर्थ होता है और रोगी को हर समय ऐसा महसूस होता है कि उसके मूत्राशय में पेशाब जमा हो चुका है। इस प्रकार के रोग से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए Hepar Sulphur 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का उपयोग करना लाभदायक होता है।
Hepar Sulphur 30 के लिए लिंग से सम्बन्धित लक्षण –
लिंग में खरोंच लगने तथा इसके साथ ही उसमें दर्द होने तथा इसके साथ ही लिंग की त्वचा और अण्डकोष की त्वचा पर और जांघों तक दर्द होता है। ऐसे रोगी के रोग को ठीक करने के लिए Hepar Sulphur 30 होम्योपैथिक मेडिसिन उपयोग करना फायदेमन्द होता है।
Hepar Sulphur 30 के लिए सांस से सम्बन्धित लक्षण –
रोगी को सांस लेने में परेशानी होती है तथा छाती पर से सीटी बजने की आवाज होती है जो सिर को पीछे की ओर मोड़ने पर ही कुछ कम होती है। ऐसे रोगी के रोग को ठीक करने के लिए Hepar Sulphur 30 होम्योपैथिक मेडिसिन उपयोग लाभदायक है।
Hepar Sulphur 30 के लिए खांसी से सम्बन्धित लक्षण –
रोगी को खांसी हो जाती है तथा इसके साथ ही रोगी को केवल दिन में कफ निकलता है, रात में नहीं तथा कभी-कभी रोगी को ऐसा लगता है जैसे दम घुट रहा हो, ऐसे रोग के रोग को ठीक करने के लिए Hepar Sulphur 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का उपयेाग करना चाहिए।
सम्बन्ध (रिलेशन) – शरीर के मुलायम मांस पर चोट लगने पर हिपर, कैलेन्डयूला औषधि की तरह ही Hepar Sulphur 30 होम्योपैथिक मेडिसिन का उपयोग कर सकते हैं जिसके फलस्वरूप व्यक्ति का रोग ठीक हो जाता है, अत: हिपर तथा कैलेन्डयूला औषधि की कुछ गुणों की तुलना Hepar Sulphur 30 होम्योपैथिक मेडिसिन से कर सकते हैं।
हिपर, पारा और अन्याय धातु, आयोडाइड ऑफ पोटाश, आयोडीन तथा काडलिवर आयोल के उपयोग करने के कारण उत्पन्न हुए दुष्परिणाम को हिपर सल्फ्यूरिस कल्केरियम औषधि दूर कर देता है।
Hepar Sulphur 30 के लिए वृद्धि (ऐगग्रेवेशन) – रोगी के शरीर में जिस तरफ दर्द हो उस तरफ के करवट करके लेटने से, ठण्डी हवा से, खुली हवा में रहने से, ठण्डी चीज खाने या पीने से रोग ग्रस्त स्थान को छूने से तथा पारे के दुरूपयोग से रोग के लक्षणों में वृद्धि होती है।
Hepar Sulphur 30 के लिए शमन (एमेलिओरेशन ह्रास) – गर्म कपड़े ओढ़ने से, खास कर सिर को गर्म कपड़े से ढंकने से, गर्मी से, सील और नम मौसम में रहन से रोग के लक्षण नष्ट होने लगते हैं।
Hepar Sulphur 30 के लिए मात्रा – सल्फ्यूरिस कल्केरियम औषधि की 1 से 30 शक्ति तक का प्रयोग करना चाहिए।
उच्चतर शक्तियां पीब बाहर निकालती है, जबकि निम्न शक्तियां पीब बनाती हैं। 2x शक्ति से घाव जल्दी पक जाता है।
Hepar Sulphur 30 की खुराक और इस्तेमाल करने का तरीका – Hepar Sulphur 30 Dosage & How to Take in Hindi
होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धिति को उपचार की एक सुरखित चिकित्सा पद्धिति माना जाता है और किसी भी रोग का उपचार करने पर यह दवाएं रोग को जड़ से समाप्त कर देती हैं।
होम्योपैथिक दवाओं का असर धीमा होता है मगर यह रोग को जड़ से ख़त्म भी करता है जबकि इसके विपरीत एलोपेथिक चिकित्सा पद्धिति में दवाओं का असर तो जल्दी होता है मगर यह रोग को जड़ से समाप्त करने में कारगर नहीं होती है।
Hepar Sulphur 30 की खुराक और इस्तेमाल जब भी आप कर रहे है तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना जरुरी होता है –
- Hepar Sulphur 30 का उपयोग करते समय इनको ठंडी और अँधेरी जगह पर रखना आवश्यक है।
- Hepar Sulphur 30 की खुराक लेते समय हाथों से छूना ठीक नहीं होता है इस से दवा के लाभ मिल नहीं पाते है।
- अगर आप Hepar Sulphur 30 दवा की खुराक ले रहे है तो आपको कांच के ग्लास में लेना चाहिए
Hepar Sulphur 30 से सम्बंधित चेतावनी – Hepar Sulphur 30 Related Warnings in Hindi
होम्योपैथिक दवा Hepar Sulphur 30 को अपने घर में सावधानी से रखना चाहिए क्योंकि अधिक धूप में या अधिक तापमान वाली जगह पर रखने से होम्योपैथिक दवा ख़राब हो जाती है।
जब भी Hepar Sulphur 30 होम्योपैथिक दवा का डोज ले रहे है तो ध्यान रखें की दवा का डोज ऑवेरलेप ना हो अगर ऐसा होता है तो दवा का लाभी नहीं मिल पाता है।
सामान्य तौर पर तो होम्योपैथिक दवा Hepar Sulphur 30 का किसी प्रकार का कोई हानिकारक प्रभाव नहीं है मगर फिर भी स्तनपान कराने वाली महिलाओं को यह दवा बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेना चाहिए
- गर्भवती महिलाओं के लिए यह दवा सुरक्षित है इसका कोई हानिकारक प्रभाव देखने को नहीं मिलता है।
- अगर कोई रोगी किडनी के रोग से ग्रसित है और वह इस दवा का उपयोग करता है तो का कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा यह सुरखित है।
- गर्भवती महिलाओं के लिए यह दवा सुरक्षित है इसका कोई हानिकारक प्रभाव देखने को नहीं मिलता है।
- अगर कोई रोगी किडनी के रोग से ग्रसित है और वह इस दवा का उपयोग करता है तो का कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा यह सुरखित है।
होम्योपैथिक दवाओं का उपोग करते समय सावधानी – Caution While Using Homeopathic Medicines :
- अगर आप होम्योपैथिक उपचार लेते हैं तो आपको डॉक्टर द्वारा बताये गए सभी प्रकार के नियमों का पालन करना चाहिए, अगर आप ऐसा नहीं करते है तो आपको इन दवाओं का लाभ नहीं मिलता है।
- दवा खाते समय हाथ में ना लेते हुए उसको खांच के ग्लास या किसी भी कांच के बर्तन का उपयोग कर सकते है।
- अगर दवा को डॉक्टर ने तरल रूप में दिया है तो उसको उसी प्रकार लेने से ही लाभ मिलता है।
Hepar Sulphur 30 और एलोपथिक दवाओं में अंतर – Difference Between Hepar Sulphur 30 And Allopathic Medicines :
अगर आप किसी भी रोग के उपचार के लिए होम्योपैथिक और एलोपथिक दोनों दवाओं में से किसी एक को चुनते है तो आपको कुछ आवश्यक बातों का ध्यान रखना जरुरी है –
- इस दवा का उपयोग करके आप रोग को जड़ से ख़त्म कर सकते है, जबकि एलोपथिक दवा से किसी रोग का जड़ से इलाज कुछ रोगों में ही हो पाता है।
- एलोपथिक दवाओं का लम्बे समय तक उपयोग करने से कई प्रकार के शारीरिक दुष्प्रभाव देखने को मिलते है मगर होम्योपैथिक दवाओं का दुष्प्रभाव बहुत ही कम देखने को मिलता है।
- होम्योपैथिक दवाओं का सेवन बहुत ही आसान है और बच्चों से ले कर बूढों तक कोई भी इन दवाओं को आराम से खा सकता है।
- बच्चों के लिए इन दवाओं का सेवन करना बहुत ही लाभकारी होता और बच्चे इन दवाओं को खाने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं करते है उसका कारण है की यह दवाएँ मीठी गोलियों के रूप में दी जाती है।
- एलोपथिक दवाएं अधिकतर स्वाद में कड़वी होती है इस कारण बच्चे इनको खाने में समस्या करते है और आसानी से इन दवाओं का सेवन नहीं करते है।
- होम्योपैथिक दवाएँ थोडा धीमा असर कारती है जबकि एलोपैथी की दवाएं थोडा जल्दी अपना असर दिखाती है।
- अगर आपको तुरंत राहत चाहिए तो आप एक सीमित समय के लिए एलोपकी दवाओं का उपयोग कर सकते है, मगर यह सिर्फ एक सीमित समय अवधि तक ही आराम दे सकती हैं।
- अगर आप रोग से हमेशा के लिए छुटकारा चाहते है तो आपके लिए होमियोपैथी की दवाओं का उपयोग लाभकारी होता है।